Kedarnath Yatra 2025 / केदारनाथ यात्रा 2025 से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें. आपको इस आर्टिकल में Kedarnath Yatra 2025 से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश मैंने की है.
इस पोस्ट में आप जानेगें केदारनाथ यात्रा कैसे करें? केदारनाथ यात्रा कब से शुरू होगी? केदारनाथ कैसे जाएँ? केदारनाथ जाने का खर्च, केदारनाथ में रुकने की जगह, खाने-पिने की व्यवस्था, बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कहाँ से करें? आदि.
Kedarnath Yatra
केदारनाथ यात्रा बाबा केदारनाथ के दर्शनों की एक महत्वपूर्ण यात्रा है. Kedarnath Yatra / केदारनाथ धाम की यात्रा करना बहुत ही शुभ होता है.
बाबा भोलेनाथ के भक्तों में इस यात्रा को लेकर बहुत ही उत्साह देखा जाता है.Kedarnath Yatra / केदारनाथ यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू होती है और भाई दूज के दिन समाप्त होती है. इन 6 महीनो में लाखों भक्त बाबा केदार के दर्शनों के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा करतें हैं.
बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए यह यात्रा बहुत ही कठिन है. पर आज काल इस यात्रा में काफी सहुलियते सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है.
केदारनाथ यात्रा / Kedarnath Yatra के लिए 18 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है. आप इस चढ़ाई को पैदल, घोड़े या खच्चर या फिर पालकी के सहारे कर सकतें हैं.
बाबा केदारनाथ धाम तक जाने के लिए रेल या बस की सुविधा नहीं है. आप चाहे तो हेलीकाप्टर के माध्यम से केदारनाथ धाम जा सकतें हैं.
केदारनाथ जाने की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है. आप चाहे तो पैदल भी जा सकतें हैं. यह यात्रा 18 किलोमीटर की होती है. यात्रा में खुबसूरत प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलते हैं.
यात्रा के रास्ते में भोजन,चाय और विश्राम की व्यवस्था रहती है. मेडिकल की सुविधा भी आपको रास्ते में मिल जाती है.
केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने से पूर्व आप लोग गरम कपड़े, कुछ इमरजेंसी की दवाएं, रेन कोट, टोर्च, और कुछ खाने पिने की वस्तुएं अवस्य रख लें.
केदारनाथ का मौसम काफी ठंडा रहता है. इसलिए गरम कपड़े अवस्य रखें.
बाबा केदारनाथ की यात्रा करने से पूर्व यात्रा के लिए बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है. यह रजिस्ट्रेशन आप ऑनलाइन भी करवा सकतें हैं.
Kedrnath Yatra 2025
Kedarnath Yatra 2025 / केदारनाथ यात्रा 2025, मई 2025 से शुरू होने की संभावना है. इस वर्ष सरकार द्वारा केदारनाथ यात्रा 2025 पर कुछ नियम लागू किये गएँ है. इस वर्ष यात्रा के समय को रेगुलेट किया गया है. यात्रा की टाइमिंग के सम्बन्ध में जानकारी निचे दी जा रही है.
अभी साल 2025 की केदारनाथ यात्रा की तारीख की घोषणा नहीं की गई है. बहुत अधिक संभावना है की मई महीने से बाबा केदारनाथ के दर्शन प्रारंभ हो जायेंगे.
जैसे ही यात्रा की तारीख की घोषणा होगी हम आपको इसी पोस्ट में अपडेट कर देंगे.
केदारनाथ यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है. गौरीकुंड से 18 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. इस चढ़ाई के बाद ही आप केदारनाथ मंदिर पहुँच सकते हैं.
इस 18 किलोमीटर की चढ़ाई को आप पैदल, घोड़े, खच्चर या फिर पालकी के सहारे पूरा कर सकतें हैं.
आप चाहे तो इस यात्रा को हेलोकोप्टर के माध्यम से भी पूरा कर सकतें हैं.
रास्ते में खाने पिने और ठहरने की व्यवस्थ है. फिर भी आप लोग कुछ खाने की चीजे जैसे ड्राई फ्रूट आदि अपने साथ रख लें.
गरम कपड़े जरुर रखें क्योंकि केदारनाथ का मौसम ठंडा रहता है. यहाँ का तापमान -5 डिग्री तक जा सकता है.
केदारनाथ यात्रा 2025 / Kedarnath Yatra 25 के लिए biometric Registrations / बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है.
बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, और सोनप्रयाग में काउंटर बनाये गए हैं. आप ऑनलाइन भी अपना यात्रा रजिस्ट्रेशन करवा सकतें हैं.
केदारनाथ कैसे जाएँ
बाबा केदारनाथ के धाम जाने के लिए ट्रेन और बस की सुविधा नहीं है. गौरीकुंड से 18 किलोमीटर आप लोगों को पैदल, घोड़े, खच्चर या पालकी के सहारे पार करनी पड़ती है.
केदारनाथ जाने के लिए आप ट्रेन या बस द्वारा हरिद्वार पहुंचे. आप ऋषिकेश भी पहुँच सकतें हैं. हरिद्वार में बस और अन्य साधनों की व्यवस्था है. जिनके माध्यम से आप केदारनाथ जा सकतें हैं.
जैसा की मैं पहले ही बता चूका हूँ की केदारनाथ तक ट्रेन और बस की सुविधा नहीं है. आप बस या अन्य साधन जैसे कर या टैक्सी द्वारा सोनप्रयाग पहुंचे.
हरिद्वार बस स्टैंड से केदारनाथ के लिए बस आपको शुबह 3 बजे से मिलनी लगेगी. आप चाहे तो कार या फिर टैक्सी के द्वारा भी सोनप्रयाग जा सकते हैं.
हरिद्वार से सोनप्रयाग की दुरी लगभग 250 km है.
सोनप्रयाग पहुँचने के पश्चात अगर आपने अपना बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है तो यहाँ रजिस्ट्रेशन करवा लें.
आप सोनप्रयाग में रात्री विश्राम भी कर सकतें हैं. यहाँ सरकारी और प्राइवेट सभी तरह के रुकने के साधन उपलब्ध हैं.
सोनप्रयाग से आप गौरीकुंड शेयर्ड टैक्सी या व्हीकल से जा सकतें हैं. सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दुरी लगभग 5 km है.
आप चाहे तो गौरीकुंड में भी रात्री विश्राम कर सकतें हैं.
Gaurikund to Kedarnath
गौरीकुंड से आगे आप लोगों को 18 km की चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी. आप चाहे तो इसे पैदल, घोड़, खच्चर या फिर पालकी के माध्यम से इस दुरी को पार कर सकतें हैं.
ऊपर केदारनाथ मंदिर से 1 km पहले बेस कैंप है. बेस कैंप में आप रुक सकते हैं. यहाँ गढ़वाल विकाश निगम द्वारा आप लोगों को टेंट और रिसोर्ट उचित पैसे पर मिल जायेंगे. आप चाहे तो गढ़वाल मंडल विकाश निगम के वेबसाइट पर जाकर इनकी ऑनलाइन बुकिंग कर सकतें हैं.
ऊपर मंदिर के पास भी रुकने की पर्याप्त व्यवस्था है.
केदारनाथ धाम पहुँचने के बाद आप बाबा केदार के दर्शन करें. यहाँ फुल और पर्साद की दुकाने आपको मिल जायेंगी.
आप चाहे तो भैरव बाबा के भी दर्शन कर सकतें हैं.
मंदिर के पास खाने पिने की पर्याप्त व्यवस्था है.
आप केदारनाथ मंदिर के समीप अपने कमरा या टेंट बगेरह बुक करके यहाँ रात में रुक सकतें हैं.
सायं काल में मंदिर में आरती होती है. सायंकाल में मंदिर बहुत ही सुन्दर दीखता है.
आप चाहे तो उसी दिन मंदिर से निचे गौरीकुंड के लिए उतर सकतें हैं. निचे आपको गौरीकुंड या सोनप्रयाग में रुकने की जगह पहले से ही बुक कर लें.
Kedarnath Yatra by Helicoptor
केदारनाथ मंदिर की यात्रा आप हेलीकाप्टर से भी कर सकतें हैं. फाटा से केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्द्ध है. इसका किराया दोनों तरफ का मिलाकर लगभग 7000 के आस- पास है. आप इस सेवा के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकतें हैं.
केदारनाथ यात्रा रूट
बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है. आप यह यात्रा चाहे तो पैदल भी तय कर सकतें हैं.
Gaurikund – 6 kms → Rambara Bridge – 4 kms → Jungle Chatti – 3 kms → Bheembali – 4 kms → Linchauli – 4 kms → Kedarnath Base Camp – 1 kms → Kedarnath Temple
गौरीकुंड से 6 km की दुरी पर रामबरा है. उसके पश्चात 4 km बाद जंगल चट्टी है. उसके पश्चात 3 km बाद भीमबली है. उसके पश्चात 4 km बाद लिंचौली है. उसके पश्चात 4 km बाद केदारनाथ बसे कैंप है. केदारनाथ बसे कैंप से 1 km बाद केदारनाथ मंदिर है.
बाबा केदारनाथ की आपकी यात्रा मंगलमय हो.
जय बाबा केदार.
जय भोलेनाथ.