Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) श्री शिव पंचाक्षर मंत्र महादेव शिव का एक महामंत्र है. इसके श्रद्धा पूर्वक जाप से भक्त को महादेव शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. महादेव शिव उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं.
इस महामंत्र का जाप अगर नियमानुसार किया जाए तो मनुष्य इस संसार के समस्त सुखों को भोगकर मृत्युपरांत शिव लोक को जाता है. और महादेव शिव के पास पहुँचता है.
महादेव शिव औघरदानी हैं. वे अपने भक्तों की समस्त मनोकामना पूर्ण करतें हैं. महादेव शिव को प्रसन्न करना अत्यंत ही आसान है. वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं.
शिव की कृपा प्राप्ति के लिए ह्रदय में भोले शिव के प्रति श्रद्धा और बिस्वास रखें. हमेशा शुभ कर्म करें. बुरे कर्मो से दूर रहें. मन में कोई ख़राब विचार नहीं आने दें. खुद को पवित्र बनाए रखें. ॐ नमः शिवाय का जाप करें. शिव-शिव का जाप करें.
महादेव को प्रसन्न करने के कई सारे मन्त्र हैं. जिनकी लिस्ट निचे दी जा रही है. आप उन लिंक पर जाकर उन मन्त्रों को पढ़ सकतें हैं. साथ ही आप उन मन्त्रों को डाउनलोड भी कर सकतें हैं. Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) श्री शिव पंचाक्षर मंत्र .
Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra)
श्री शिव पंचाक्षर मंत्र ( स्तोत्र )
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय
तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय
नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय
तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय
तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय
मुनींद्र देवार्चित शेखराय
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय
तस्मै व काराय नम: शिवाय:॥
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगंबराय
तस्मै य काराय नम: शिवाय:॥
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य:
पठेत शिव सन्निधौ
शिवलोकं वाप्नोति
शिवेन सह मोदते॥
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग रागाय महेश्वराय|
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय
तस्मे “न” काराय नमः शिवायः॥
Shri Shiv Panchakshar Stotra Lyrics
nagendraharaya trilochanaya
bhasmangaragaya mahesvaraya
nityaya suddhaya digambaraya
tasmai na karaya namah shivaya
mandakini salila chandana charchitaya
nandisvara pramathanatha mahesvaraya
mandara pushpa bahupushpa supujitaya
tasmai ma karaya namah shivaya
shivaya gauri vadanabja brnda
suryaya dakshadhvara nashakaya
sri nilakanthaya Vrshadhvajaya
tasmai shi karaya namah shivaya
vashistha kumbhodbhava gautamarya
munindra devarchita shekharaya
chandrarka vaishvanara lochanaya
tasmai va karaya namah shivaya
yagna svarupaya jatadharaya
pinaka hastaya sanatanaya
divyaya devaya digambaraya
tasmai ya karaya namah shivaya
panchaksharamidam punyam yah pathechchiva
sannidhau shivalokamavapnoti sivena saha modate
Shiv Panchakshar Mantra Meaning
हे प्रभु महेश्वर आप नागराज को गले हार रूप में धारण करते हैं.
आप तीन नेत्रों वाले भस्म को अलंकार के रुप में धारण करके अनादि एवं अनंत शुद्ध हैं.
आप आकाश को वस्त्र सामान धारण करने वाले हैं.
मै आपके ‘न’स्वरूप को नमस्कार करता हूँ.
आप चन्दन से लिप्त गंगा को अपने सर पर धारण करके नन्दी एवं अन्य गणों के स्वामी महेश्वर हैं.
आप सदा मन्दार एवं अन्य पुष्पों द्वारा पुजित हैं.
हे भगवन मैं आपके ‘म्’ स्वरूप को नमस्कार करता हूं. ( 1 )
धर्म ध्वज को धारण करने वाले नीलकण्ठ प्रभु तथा ‘शि’ अक्षर वाले महाप्रभु,
आपने ही दक्ष के अंहकार स्वरुप यज्ञ का नाश किया था.
माता गौरी को सूर्य सामान तेज प्रदान करने वाले प्रभु शिव को मै नमन करता हूँ.
देवगणो एवं वषिष्ठ, अगस्त्य, गौतम आदि मुनियों द्वारा पूज्य महादेव जिनके लिए सूर्य, चन्द्रमा एवं अग्नि त्रिनेत्र सामन हैं.
हे प्रभु मेरा आपके ‘व्’ अक्षर वाले स्वरूप को नमस्कार है.
हे यज्ञस्वरूप, जटाधारी शिव आप आदि, मध्य एवं अंत से रहित हैं आप सनातन हैं,
प्रभु आप दिव्य अम्बर धारी शिव हैं मैं आपके ‘शि’ स्वरुप को मैं नमस्कार करता हूं.
इस प्रकार जो कोई भी शिव के इस पंचाक्षर मंत्र का नित्य चिंतन-मनन ध्यान करता है वह शिव लोक को प्राप्त करता है.
श्री शिव पंचाक्षर मन्त्र का जाप कैसे करें?
भोलेनाथ शिव के महामंत्र श्री शिव पंचाक्षर मन्त्र Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) का जाप करने से मनुष्य के समस्त मनोकामनाए पूर्ण होती हैं. इस मन्त्र का जाप पूर्ण श्रद्धा के साथ करना चाहिये.
- इस मन्त्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है.
- सोमवार को इस मन्त्र का जाप करना अत्यंत शुभ होता है.
- चतुर्दशी के दिन इस मन्त्र का जाप अत्यंत शुभ होता है.
- सावन के महीने में नित्य प्रतिदिन इस मंत्र का जाप अत्यंत फलदायक होता है.
- शिव रात्री के दिन भी इस मंत्र का जाप करें.
- Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप आप प्रातः काल और संध्या काल के कर सकतें हैं.
- सर्व प्रथम स्नान आदि करके खुद को स्वच्छ और पवित्र कर लें.
- मन में शिव का ध्यान करें.
- अपने मन को शुद्ध करें.
- मन को शिव में लगायें.
- उसके पश्चात महादेव शिव का पूजन करें.
- महादेव शिव के शिवलिंग को गंगाजल से अभिषेक करें.
- उसके पश्चात 108 बार ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए शिव लिंग पर बिल्वपत्र और पुष्प आदि अर्पित करें.
- पूजन के पश्चात Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करें.
- अंत में महादेव की आरती करें.
श्री शिव पंचाक्षर मन्त्र के पाठ से लाभ
- महादेव के Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) श्री पंचाक्षर स्तोत्र के पाठ से भक्त को शिव जी की असीम कृपा प्राप्ति होती है.
- इस मन्त्र का जाप करने वाला शिव का अत्यंत प्रिय होता है.
- महादेव शिव अपने भक्त की समस्त शुभ मनोकामना पूर्ण करतें हैं.
- इस मन्त्र का श्रद्धा से जाप करने वाला मनुष्य शिव जी की कृपा से इस जगत के समस्त सुखों का भोग करता है.
- उसे शिव जी का सानिध्य प्राप्त होता है.
Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) Download
To download Shri Shiv Panchakshar Mantra ( Stotra ) in pdf formate click the pdf download button given below. You can also print this mantra.
शिव जी के इस महामंत्र को डाउनलोड करने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. आप इस मन्त्र को प्रिंट भी कर सकतें हैं.
अंत में एक बात ॐ नमः शिवाय का जाप नियमित करें. शिव शिव का जाप नियमित करें. शिव को अपने ह्रदय में बसा लें. सदा शुभ कर्म करें. बुरे कर्मों से दूर रहें. अपने ह्रदय को शुद्ध और पवित्र रखने का प्रयास करें.
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महादेव शिव आप सब शिव भक्तों की समस्त शुभ मनोकामना पूर्ण करें.
हर हर महादेव. ॐ नमः शिवाय. बोल बम
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