Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai माँ दुर्गा आरती : जग जननी जय जय

Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai, माँ दुर्गा की आरती जग जननी जय जय एक बहुत ही प्रसिद्द माता की आरती है. जोई कोई भी सच्चे ह्रदय से माँ दुर्गा की सच्चे ह्रदय से इस आरती को गाता है. उस पर सदा ही माँ दुर्गे की कृपा दृष्टि बनी रहती है.

विशेषकर अगर नवरात्री के दिनों में अगर माँ दुर्गा की इस आरती ( Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai ) जग जननी जय जय के द्वारा अगर माँ दुर्गा की स्तुति की जाती है, आरती उतारी जाती है. तो माँ दुर्गे अवस्य प्रसन्न होती है. और उस परिवार की सभी प्रकार के संकटों से रक्षा करती है.

माँ दुर्गा आरती : जग जननी जय जय के इस विडियो को अवस्य देखें.

Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai Video

आप Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai माँ दुर्गा आरती जग जननी जय जय को पीडीऍफ़ में डाउनलोड करके रख सकतें हैं और इस आरती के द्वारा माँ दुर्गा की स्तुति गान कर सकतें हैं.

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माँ दुर्गे की आरती आप किसी भी माँ दुर्गा की आरती के गायन के साथ कर सकतें हैं. सभी माँ दुर्गा आरती का लिंक पोस्ट के अंत में दिया गया है.

Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai

Maa Durga Aarti Jag Janani Jai Jai
Maa Durga Aarti Jag Janani Jai Jai

माँ दुर्गा आरती : जग जननी जय जय

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा।
सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी।
अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

अविकारी, अघहारी, सकल कलाधारी।
कर्ता विधि भर्ता हरि हर संहारकारी॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया।
मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

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राम, कृष्ण, तू सीता, ब्रजरानी राधा।
तू वाँछा कल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

दश विद्या, नव दुर्गा, नाना शस्त्रकरा।
अष्टमातृका, योगिनि, नव-नव रूप धरा॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

तू परधाम निवासिनि, महा-विलासिनि तू।
तू ही शमशान विहारिणि, ताण्डव लासिनि तू॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

सुर-मुनि मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा।
विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी धारा॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

तू ही स्नेहसुधामयी, तू अति गरलमना।
रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि तना॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

मूलाधार निवासिनि, इहपर सिद्धिप्रदे।
कालातीता काली, कमला तू वर दे॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी।
भेद प्रदर्शिनि वाणी विमले वेदत्रयी॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

हम अति दीन दुखी माँ, विपट जाल घेरे।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

निज स्वभाववश जननी, दयादृष्टि कीजै।
करुणा कर करुणामयी, चरण शरण दीजै॥

मैया जगजननी जय जय माँ……….

जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय।
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥

Jag Janani Jai Jai Aarti Lyrics

Maa Durga Aarti Jag Janani Jai Jai
Maa Durga Aarti Jag Janani Jai Jai

Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai.
Bhay Harini, Bhaw Tarini, Bhaw Bhamini Jai Jai.

Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai.
Bhay Harini, Bhaw Tarini, Bhaw Bhamini Jai Jai.

Tu Hi Sat Chit SukhMay Shuddh Brahm Rupa.
Satya Sanatan, Sunar, Par- Shiv Sur Bhupa.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Aadi Anadi, Anamay, Awichal, Awinashi.
Amal, Anant, Agochar, Aj Aanand rashi.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Awikari, Aghhari, Sakal Kaladhari.
Karta Widhi Bharta Hari Har Sanharkari.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Tu Widhi Wadhu, Rama, Tu Uma Mahamaya.
Mul Prakriti, Widha Tu, Tu Janani Jaya.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Ram, Krishn, Tu Sita, Braj Rani Radha.
Tu Wancha Kalpadrum, Harini Sab Badha.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Dash Widha, Naw Durga, Nana Shastrakara.
Asht Matrika, Yogini, Naw Naw Rup Dhara.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Tu Pardham Niwasini, Maha Wilasini Tu.
Tu Hi Shamshan Wiharini, Taandav Lasini Tu.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Sur Muni Mohini Saumya, Tu Shobhadhara.
Wiwsan Wikat Sarupa, Pralaymayi Dhara.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Tu Hi Sneh Sudhamayi, Tu Ati Garalamna.
Ratn Wibhusit Tu Hi, Tu Hi Asthi Tana.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Muladhar Niwasini, Ih Par Siddhi Prade.
Kalatita Kali, Kamla Tu War De.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Shakti Shaktidhar Tu Hi, Nitya Abhedmayi.
Bhed Pradarshini Wani Vimle Vedtrayi.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Ham Ati Din Dukhi Maa, Wipat Jaal Ghere.
Hain Kaput Ati Kapati, Par Balak Tere.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Nij Swabhaw Wash Janani, Daya Drishti Kije.
Karuna Kar Karunamayi, Charan Sharan Dije.

Maiya Jag Janani Jai Jai………..

Jag Janani Jai Jai Maa, Jag Janani Jai Jai.
Bhay Harini, Bhaw Tarini, Bhaw Bhamini Jai Jai.

How to recite Jag Janani Jai Jai Aarti?

जग जननी जय जय आरती कैसे करें?

  • शुक्रवार, दुर्गा पूजा और नवरात्री के दिनों में माँ दुर्गे की आरती जग जननी जय जय ( Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai ) के द्वारा माँ की आरती और स्तुतिगान करना बहुत ही शुभ होता है.
  • वैसे माँ दुर्गे की आरती के लिए प्रत्येक दिन शुभ ही होता है.
  • प्रातः काल और सायं काल का समय आरती के लिए शुभ माना गया है.
  • आरती सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ होकर ही करें.
  • पूर्ण रूप से माँ दुर्गे के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना रखते हुए माँ दुर्गे की आरती करें.

Benefits of Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai

माँ दुर्गा की आरती : जग जननी जय जय से लाभ

दुर्गा माँ की आरती : जग जननी जय जय ( Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai ) सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ गायन करने और माँ की आरती और स्तुति करने से माँ दुर्गा की कृपा की प्राप्ति होती है.

Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai PDF Download

माँ दुर्गा आरती : जग जननी जय जय ( Maa Durga Aarti : Jag Janani Jai Jai ) को अगर आप पीडीऍफ़ में डाउनलोड करना चाहतें हैं तो निचे दिए गए पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक पर क्लिक करें.

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