Ramchandra ji ki aarti | श्री रामचंद्र जी की आरती | Shri Ramchandra ji ki aarti

Ramchandra ji ki Aarti | श्री रामचन्द्र जी की आरती ( Shri RamChandra ji ki Aarti ) भगवान श्री रामचंद्र जी की आराधना करने का सबसे अच्छा माध्यम है.

इस अंक में मैं श्रीराम चन्द्र जी की आरती तथा श्री रघुवर जी की आरती दोनों दे रहा हूँ. आप इनमे से किसी का भी पाठ कर सकते हैं. आप दोनों ही आरती का भी पाठ कर सकतें हैं. दोनों ही आरती में भगवान श्री रामचंद्र जी की ही स्तुति है.

इन आरतियों को आप पीडीऍफ़ में डाउनलोड भी कर सकतें हैं. इसके लिए डाउनलोड लिंक पोस्ट के अंत में दिया गे है. इस पर क्लिक करके आप इन आरती को डाउनलोड कर सकतें हैं.

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम है. वे हमारे आराध्य हैं. उनका सम्पूर्ण जीवन मानवता के लिए एक सन्देश है.

भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म भारत वर्ष के उत्तर प्रदेश में अयोध्या में हुआ था. उन्होंने राक्षस राज रावण का वद्ध करके इस पृथ्वी को राक्षसों से मुक्त किया था.

Ramchandra ji ki Aarti

श्री रामचन्द्र जी की आरती

https://youtu.be/QPghQyOWQbo

आरती कीजै रामचन्द्र जी की |
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की ||

पहली आरती पुष्पन की माला |
काली नाग नाथ लाये गोपाला ||

दूसरी आरती देवकी नन्दन |
भक्त उबारन कंस निकन्दन ||

तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे |
रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे ||

चौथी आरती चहुं युग पूजा |
देव निरंजन स्वामी और न दूजा ||

पांचवीं आरती राम को भावे |
रामजी का यश नामदेव जी गावें ||

Ramchandra ji ki Aarti in English

Aarti Kije Shri Ramchandra Ki.
Dushtdalan Sitapati Ji Ki.

Pahali Aarti Pushpan Ki Maala.
Kaali Naag Naath Laaye Gopala.

Dusari Aarti Devaki Nandan.
Bhakt Ubaaran Kans Nikandan.

Tisari Aarti Tribhuvan Mohe.
Ratna Sinhaasan Sita Ram Ji Sohe.

Chauthi Aarti Chahu Yug Puja.
Dev Niranjan Svaami Aur Na Duja.

Paanchavi Aarti Ram Ko Bhaave.
Ramji Kaa Yash Namadevaji Gawe.

Aarti Shri Raghuvar ji ki

आरती श्री रघुवर जी की

आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की ||

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दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन ||

अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की ||

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि ||

हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की ||

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति ||

विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की ||

शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी ||

नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की ||

Raghuvar aarti in English

Aarti kije shri raghubarji ki |
Sat chit anand shiv sundar ki ||

Dashrath-tanay Kaushila-nandan |
Sur-muni-rakshak daitya-nikandhan ||

Anugath-bhagkt bhagkt-ur-chandan |
Mariyada-purushotam var ki ||

Nirgun-sagun aroop-roopnidhi |
Sakal lok-vandhit vibhinna vidhi ||

Haran shok-bhay, dayak sab sidhi |
Mayarahit divya nar-var ki ||

Janakipati suradhipati jagpati |
Akhil lok palak trilok gati ||

Vishwavanth anvadh amit-mati |
Ekmatra gati sachrachar ki ||

Sharanagat – vatsal – vratdhari |
Bhagkt-kalpataru-var asurari ||

Nam leth jag pawankari |
Vanar sakha deen-dukh har ki ||

Shri Ramchandra Ji ki Aarti

श्री रामचंद्र जी की आरती

जगमग जगमग जोत जली है ।
राम आरती होन लगी है ।।
भक्ति का दीपक प्रेम की बाती ।
आरति संत करें दिन राती ।।
आनन्द की सरिता उभरी है ।
जगमग जगमग जोत जली है ।।
कनक सिंघासन सिया समेता ।
बैठहिं राम होइ चित चेता ।।
वाम भाग में जनक लली है ।
जगमग जगमग जोत जली है ।।
आरति हनुमत के मन भावै ।
राम कथा नित शंकर गावै ।।
सन्तों की ये भीड़ लगी है ।
जगमग जगमग जोत जली है ।।

Shri Ramchandra ji ki aarti in English

Jagmag Jagmag jot jali hai.
Ram Aarti hone lagi hai.
Bhakti k deepak prem ki baati.
Aarti sant karen din rati.
Anand ki sarita ubhari hai.
Jagmag Jagmag jot jali hai.
Kanak singhasan Siya sameta.
Baithhin Ram hoi chit cheta.
Wam Bhag me Janak Lali hai.
Jagmag Jagmag jot jali hai.
Aarti Hanumat ke man Bhawae.
Ram katha nit Shankar Gaawae.
Santon ki ye bheed lagi hai.
Jagmag Jagmag jot jali hai.

श्री रामचंद्र जी की आरती पीडीऍफ़ डाउनलोड

Shri Ramchandra ji ki Aarti pdf download

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भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती के प्रकाशन में बहुत ही सावधानी बरती गयी है. फिर भी अगर कहीं कोई त्रुटी रह गयी हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें. हम उसे सुधारने की जरुर कोशिश करेंगे.

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भगवान श्री रामचंद्र जी आप सभी की समस्त मनोकामना पूर्ण करें.

जय श्री राम

Jai Shri Ram

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