Vishwakarma ji ki Aarti | भगवान विश्वकर्मा जी की आरती, भगवान विश्वकर्मा जी को प्रसन्न करने और उनकी आराधना करने का एक महामंत्र है.
सबसे पहले हमें श्रद्धा और भक्तिपूर्वक विश्वकर्मा भगवान की पूजा करनी चाहिए और विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करना चाहिए.
विश्वकर्मा चालीसा – Vishwakarma Chalisa के पाठ के पश्चात हमें विश्वकर्मा भगवान की आरती करनी चाहिए.
भगवान विश्वकर्मा जी इस श्रृष्टि के शिल्पकार हैं. उनके द्वारा ही इस श्रृष्टि की सभी वस्तुओं की रचना की गयी है.
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को सृजन और निर्माण का देवता माना जाता है.
ऐसा माना जाता है की इस श्रृष्टि के सभी निर्माणों में भगवान विश्वकर्मा जी का ही योगदान होता है. सारे शिल्पकारों, मिस्त्रियों और निर्माण और रिपेयर से जुड़े लोगों का भगवान विश्वकर्मा जी पर अत्यंत श्रद्धा और विश्वास रहता है. वे सभी लोग भगवान विश्वकर्मा का पूजन और आराधना अवस्य करतें हैं.
भारत वर्ष में विश्वकर्मा भगवान के प्रति लोगों में बहुत ही विश्वास है. विश्वकर्मा पूजा के दिन भारत के अधिकाँश घरों मर भगवान विश्वकर्मा की पूजा अवस्य की जाती है. लोग अपने वाहनों की भी पूजा करतें हैं.
इस अंक में आप लोगों के लिए भगवान विश्वकर्मा जी की आरती हिंदी में ( Vishwakarma ji ki aarti in Hindi ) और भगवान विश्वकर्मा जी की आरती इंग्लिश में ( Vishwakarma aarti in English ) प्रकाशित की जा रही है. साथ ही इसे आप i कर सकते है.
भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा और आराधना करने के पश्चात खड़े होकर भगवान विश्वकर्मा जी की आरती करना चाहिए. सम्पूर्ण विधि और लाभ निचे दी जा रही है. पहले भगवान विश्वकर्मा जी की आरती हिंदी में.
Vishwakarma ji ki Aarti
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा |
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ||
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया |
जीव मात्र का जग मे, ज्ञान विकास किया ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु ……..
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई |
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु ………..
रोग ग्रस्त राजा ने जब आश्रय लीना |
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु ……….
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी |
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु ………….
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे |
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु …………..
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे |
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ||
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु ……………..
श्री विश्वकर्मा की आरती जो कोई गावे |
भजत गजानांद स्वामी, सुख सम्पति पावे ||
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा |
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ||
Vishwakarma ji ki Aarti lyrics in English
Jai Shri Vishwakarma Prabhu, Jai Shri Vishwakarma.
Sakal srishti ke karta, Rakshak stuti dharma.
Aadi srishti me widhi ko, Shruti updesh diya.
Jiv maatra ka jag me, Gyan wikas kiya.
Om Jai Shri Vishwakarma prabhu………
Dhyan kiya jab prabhu ka, Sakal siddhi aai.
Rishi Angira tap se, Shaanti nahi paai.
Om Jai Shri Vishwakarma Prabhu………….
Rog grast Raja ne jab aashray leena.
Sankat mochan bankar, dur dukh kina.
Om Jai Shri Vishwakarma Prabhu……
Jab Rathkar dampati, Tumhari ter kari.
Sunkar din prarthna, Wipat hari sagri.
Om Jai Shri Vishwakarma Prabhu……
Ekanan Chaturanan, Panchanan raje.
Tribhuj chaturbhuj dashbhuj, Sakal rup saaje.
Om Jai Shri Vishwakarma Prabhu…….
Dhyan dhare tab pad ka, Sakal siddhi aawe.
Man dwiwidha mit jaawe, Atal shakti paawe.
Om Jai Shri Vishwakarma Prabhu………..
Shri Vishwakarma ji ki Aarti jo koi gaawe.
Bhajat gajanand swami, Sukh sampati paawe.
Om Jai Shri Vishwakarma prabhu……….
Om Jai shri Vishwakarma Prabhu, Jay Shri Vishwakarma.
Sakal srishti ke karta, Rakshak stuti dharma.
विश्वकर्मा भगवान की आरती कैसे करें?
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती ( Bhagwan Vishwakarma ki Aarti ) किसी भी दिन की जा सकती है.
विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा जी की आरती अवस्य करें.
भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आरती के लिए प्रातः काल का समय और संध्या काल का समय सबसे उत्तम होता है.
सबसे पहले स्नान आदि कर लें.
फिर भगवान विश्वकर्मा जी की मूर्ती या तस्वीर के सामने बैठे.
बैठने के लिए आसन शुद्ध होना चाहिए.
फिर भगवान विश्वकर्मा जी का पूर्ण विधि विधान से पूजन करें.
भगवान श्री विश्वकर्मा जी को पुष्प, अक्षत, सिंदूर, चन्दन, पुष्प माला आदि अर्पित करें.
नैवेद्द आदि चढ़ाएं.
धुप दीप दिखाएँ.
पूजा करने के पश्चात खड़े होकर भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आरती करें.
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती सम्पूर्ण ह्रदय से और श्रद्धा और भक्ति के साथ करें.
Benefits of Shri Vishwakarma ji ki Aarti
श्री विश्वकर्मा जी की आरती से लाभ
भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आरती करने से भगवान विश्वकर्मा जी की कृपा प्राप्ति होती है.
श्री विश्वकर्मा जी की कृपा से समस्त निर्माण सफलता पूर्वक संपन्न हो जाती है.
किसी भी महत्वपूर्ण निर्माण से पूर्व यदि भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा और आराधना की जाए तो वह निर्माण सफलता पूर्वक संपन्न हो जाता है.
भगवान श्री विश्वकर्मा जी की कृपा से मनुष्य को सुख और सम्पति की प्राप्ति होती है.
Shri Vishwakarma ji ki Aarti pdf Download
To download Vishwakarma aarti in Hindi and Vishwakarma aarti in English pdf click the pdf download link below. You can also print these aarti.
भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आरती को पीडीऍफ़ में डाउनलोड करने के लिए निचे दिए गए पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक पर क्लिक करें. आप इसे प्रिंट भी कर सकते हैं.
विश्वकर्मा जी की आरती विडियो
निचे विश्वकर्मा जी की आरती का youtube विडियो दिया जा रहा है. आप इसे सीधे यहाँ से देख सकतें हैं.
भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आरती के प्रकाशन में बहुत ही सावधानी बरती गयी है. फिर भी यदि कोई त्रुटी रह गयी हो तो आप हमें अवस्य बताएं. आप हमें कमेंट कर सकतें हैं.
हमारे अन्य प्रकाशनों को भी अवस्य देखें.
Ganesh ji ki Aarti | गणेश जी की आरती
Hanuman ji ki Aarti | हनुमान जी की आरती
Durga ji ki Aarti | दुर्गा जी की आरती
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya ki Aarti