गंगा नदी को पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिमालय की पुत्री माना गया है.Ganga Aarti गंगा आरती गंगा नदी के अधिकतर घाटों पर प्रतिदिन किया जाता है.गंगा नदी को हमारे यहाँ गंगा मैया कहा जाता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी को भगवान् विष्णु के नख से निकला माना गया है. राजा भागीरथ की घोर तपस्या के फलस्वरूप गंगा का इस पृथ्वी पर अवतरण हुआ है.
गंगा के प्रचंड वेग को थामने के लिये महादेव शिव ने गंगा को अपने जटा में धारण किया. महादेव शिव के जटा से गंगा निकलकर इस धरा पर बहती है.
गंगा नदी को काफी पवित्र नदी माना जाता है. हम गंगा नदी को माता मानकर उसकी पूजा करतें हैं. गंगा नदी के जल को काफी पवित्र माना जाता है. किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में गंगा जल को पवित्रता के लिए उपयोग किया जाता है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गंगाजल को काफी प्रभावशाली माना गया है. गंगा जल को कितने दिनों तक भी रखने से वह खराब नहीं होता है.
Ganga Aarti गंगा आरती
गंगा नदी को हम माता मानते हैं. गंगा मैया में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जातें हैं. ऐसी मान्यता है. Ganga Aarti गंगा के अधिकतर पवित्र घाटों पर किया जाता है.
इन गंगा घाटों पर रोजाना Ganga Aarti गंगा आरती की जाती है. इन गंगा आरतियों का अपना एक महत्व है. Ganga aarti को देखने के लिए काफी लोग उत्सुक रहतें हैं. वे गंगा आरती में भाड़ी संख्या में पहुँचते हैं. लोगों की श्रद्धा और भक्ति इन गंगा आरती में देखी जा सकती है. यह गंगा आरती गंगा नदी के प्रति हमारी श्रद्धा और मान्यताओं को दर्शाता है.
गंगा आरती जब सायंकाल में की जाती है और बहुत सारे दीपक जब गंगा नदी में बहते हैं ,तो वह एक अदभुत नजारा होता है.
बहुत सारे विदेशी पर्यटक गंगा आरती को देखने और Ganga Aarti/गंगा आरती में शामिल होने आतें हैं.
इस आर्टिकल में निचे अब मैं आप लोगों को गंगा आरती के महत्वपूर्ण गंगा घाटों के बारे में बताऊंगा. उसके बाद आप सब लोगों को गंगा आरती हिंदी और इंग्लिश में पढने को मिलेगा.
Ganga Aarti of Varanasi
वाराणसी को भगवान् शिव की नगरी कहा गया है. Ganga Aarti of Varanasi वाराणसी की गंगा आरती काफी प्रसिद्द है. वाराणसी में गंगा आरती काफी भव्य तरीके से किया जाता है.
वाराणसी के गंगा घाटों में जब (Ganga Aarti Varanashi) गंगा मैया की आरती शुरू होती है तो वह नजारा काफी मनमोहक होता है.
देश विदेश से काफी पर्यटक रोजाना होने वाले इस गंगा आरती को देखने आतें हैं. भारत के प्रधानमंत्री मोदी तथा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे एक साथ इस गंगा आरती को देखने आये थे.
Ganga Aarti Ghat Varanasi
गंगा आरती वाराणसी में आज कल कई घाटों में की जाने लगी है. सबसे पहले गंगा आरती शीतला घात में की जाती थी.
सबसे प्रसिद्द Ganga Aarti Ghat Varanasi/गंगा आरती घाट Dashashwamedh Ghat है. इस घाट में गंगा आरती काफी भव्य तरीके से आयोजित की जाती है.
गंगा आरती शुरू करने से पहले गंगा मैया के घाटों को साफ़ किया जाता है. फिर घाटों को जल से धोया जाता है. उसके बाद आरती शुरू की जाती है. गंगा आरती लगभग 45 मिनट तक चलती है.
गंगा आरती का नजारा काफी मनभावन होता है. गंगा आरती घाट काशी विश्वनाथ मंदिर से मात्र 500 मीटर की दुरी पर आयोजित की जाती है. यहाँ तक पैदल आसानी से पहुंचा जा सकता है.
आरती शुरू होने के एक घंटा पहले से ही लोग वहाँ जमा होने लगतें हैं.
Ganga Aarti Varanasi Time
वाराणसी में गंगा आरती रोजाना की जाती है. चाहे कुछ भी हो जाए गंगा आरती अवस्य होती है. गंगा मैया की आरती रोजाना सायंकाल में आयोजित की जाती है.
गर्मी के दिनों में गंगा आरती सायं 7 बजे से शुरू होती है. गंगा आरती कुल 45 मिनट की जाती है. यह 7:45 में समाप्त होती है.
शर्दी के दिनों में यह सायं 6 बजे शुरू होती है. इसमें भी कुल 45 मिनट आरती की जाती है. यह आरती 6:45 में समाप्त होती है.
Ganga Aarti Varanashi Time Morning : शुबह में गंगा आरती शुबह 5:30 बजे से की जाती है. शर्दी के दिनों में इसमें कुछ परिवर्तन किया जाता है.
Ganga Aarti in Kashi
वाराणसी को काशी भी कहा जाता है. Ganga Aarti in Kashi/काशी की गंगा आरती काफी भव्य तरीके से की जाती है.
गंगा आरती का अपना एक धार्मिक महत्व के साथ ही यहाँ के लोगों के लिए यह काफी आर्थिक महत्व भी रखता है.
जो भी भक्त या पर्यटक काशी विस्वनाथ जी के दर्शन के लिए आता है. वह Ganga Aarti Kashi/काशी की गंगा आरती को जरुर देखता है. वह गंगा आरती में अवस्य शामिल होता है.
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Ganga Aarti in Haridwar
हरिद्वार की गंगा आरती Ganga Aarti in Haridwar भी काफी प्रसिद्द है. हरिद्वार में गंगा के घाट पर यह आरती रोजाना सायंकाल में आयोजित की जाती है.
गंगा आरती हरिद्वार में हर की पौरी में यह गंगा आरती की जाती है. हरिद्वार की गंगा आरती में भी काफी लोग पहुँचते है. लोग गंगा आरती में काफी उत्साह और श्रद्धा से भाग लेतें है.
हरिद्वार में भी गंगा आरती गर्मी के दिनों में सायं 7 बजे से शुरू की जाती है.शर्दी के दिनों में गंगा आरती सायं 6 बजे से शुरू की जाती है.
गंगा किनारे अवस्थित हरिद्वार को काफी पवित्र नगरी माना गया है. हरिद्वार गंगा के किनारे स्थित है. हरिद्वार का अर्थ होता है हरी का द्वार यानी भगवान् विष्णु का द्वार. यहाँ शिव की भी नगरी भी मानी जाती है. हर की पौरी का अर्थ होता है भगवान् शिव की ओर.
यहाँ हरिद्वार में गंगा स्नान का भी काफी महत्व है. हरिद्वार में गंगा स्नान करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जातें है. यहाँ गंगा के पावन जल में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हरिद्वार में गंगा मैया के किनारे कुम्भ मेले का भी आयोजन किया जाता है. हरिद्वार से ही चार धाम यात्रा की शुरुआत होती है.
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Ganga Aarti in Rishikesh
ऋषिकेश की गंगा आरती/Ganga Aarti in rishikesh भी काफी भव्य तरीके से आयोजित की जाती है. यहाँ भी लोग काफी संख्या में गंगा आरती में सम्मिलित होने के लिए आतें हैं.
गंगा आरती ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और Parmarth Niketan में काफी भव्य तरीके से आयोजित की जाती है.
ऋषिकेश में गंगा आरती का समय भी समान ही रहता है. यहाँ भी गंगा मैया की आरती गर्मी के दिनों में सायं 7 बजे से शुरू की जाती है. शर्दी के दिनों में गंगा मैया की आरती सायं 6 बजे से आयोजित की जाती है.
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Aarti Ganga ji ki/आरती गंगा जी की
ओम जय गंगे माता,
मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता॥
ओम जय गंगे माता॥
चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,
जल निर्मल आता।
मैया जल निर्मल आता
शरण पड़े जो तेरी,
सो नर तर जाता॥
ओम जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे,
सब जग को ज्ञाता।
मैया सब जग को ज्ञाता
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता॥
ओम जय गंगे माता॥
एक ही बार जो तेरी,
शरणागति आता।
मैया शरणागति आता
यम की त्रास मिटाकर,
परमगति पाता॥
ओम जय गंगे माता॥
आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित गाता।
मैया जो जन नित गाता
दास वही सहज में,
मुक्ति को पाता॥
ओम जय गंगे माता॥
ओम जय गंगे माता,
मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता॥
ओम जय गंगे माता॥
समाप्त
जय गंगा मैया
Ganga Aarti Lyrics
om jay gange maata,
maiya jay gange maata.
jo nar tumako dhyaata,
manavaanchhit phal paata.
om jay gange maata.
chandr-see jyoti tumhaaree,
jal nirmal aata.
maiya jal nirmal aata
sharan pade jo teree,
so nar tar jaata.
om jay gange maata.
putr sagar ke taare,
sab jag ko gyaata.
maiya sab jag ko gyaata
krpa drshti ho tumhaaree,
tribhuvan sukh daata.
om jay gange maata.
ek hee baar jo teree,
sharanaagati aata.
maiya sharanaagati aata
yam kee traas mitaakar,
paramagati paata.
om jay gange maata.
aaratee maat tumhaaree,
jo jan nit gaata.
maiya jo jan nit gaata
daas vahee sahaj mein,
mukti ko paata.
om jay gange maata.
om jay gange maata,
maiya jay gange maata.
jo nar tumako dhyaata,
manavaanchhit phal paata.
om jay gange maata.
Samaapt
Jai Ganga Maiya
Benefits of Ganga Aarti
गंगा आरती करने से मैया गंगा की कृपा प्राप्ति होती है. गंगा मैया अपने सभी संतानों के समस्त पाप से मुक्त करती है. गंगा जी में स्नान करने और उनकी आरती करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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