Annapurna Aarti | अन्नपूर्णा माता की आरती माता अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने का एक सफल माध्यम है.
माता अन्नपूर्णा की आराधना करने वाला कभी भी अन्न का मोहताज नहीं रहता है. अन्नपूर्णा माता अन्न और सम्पति प्रदान करने वाली देवी है. ये माता दुःख और दरिद्रता मिटाती है.
अन्नपूर्णा माता की आराधना करने वाले को दरिद्रता कभी बी नहीं सताती है. दरिद्रता से मुक्ति माता अन्नपूर्णा प्रदान करती है.
माता अन्नपूर्णा इस समस्त संसार के समस्त जीवों को भोजन प्रदान करने वाली देवी है. इनकी महिमा बहुत ही निराली है. इनकी कृपा से ही इस संसार के जीवों की उदार ज्वाला शांत होती है. यह सभी प्राणियों की भूख शांत करने वाली देवी है.
अन्नपूर्णा माता की आरती और आराधना अवस्य करनी चाहिए. क्योंकि माता अन्नपूर्णा जी की ही कृपा से हमें भोजन की प्राप्ति होती है. इनकी कृपा जिस पर भी रहती है उसे कभी भी दरिद्रता का भय नहीं रहता है. उसके जीवन में कभी भी भोजन की कमी नहीं रहती है.
इस अंक में आपको अन्नपूर्णा माता की आरती ( Annapurna Aarti ) हिंदी और English में दी गयी है. आप इसे डाउनलोड भी कर सकतें हैं. डाउनलोड लिंक निचे दिया गया है. आप इसे प्रिंट भी कर सकतें हैं. माता अन्नपूर्णा की तस्वीर डाउनलोड भी आप कर सकतें हैं.
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी हैं. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार उन्हें अन्न की देवी माना गया है. वे दरिद्रता का नाश करने वाली देवी हैं. तो चलिए उनकी आरती करतें हैं.
Annapurna Aarti
अन्नपूर्णा माता की आरती
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम,
जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम |
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम,
प्रलय युगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तक नाम |
सुर असुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहं राम,
चुमहि चरण चतुर चतुरानन, चारू चक्रधर श्याम |
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखही ललाम,
देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तब नाम |
त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरणरूप तव धाम,
श्री ह्री श्रद्धा श्री ऐं, विद्या क्लीं कमला काम |
कांती भ्रान्तिमयी कांति, शांतिमयीवर दे तू निष्काम
Annapurna Devi Aarti
Barambar Pranam Maiya, Barambar Pranam,
Jo nahi dhyawe tumhe Ambike, Kaha use Wishram.
Annapurna Devi nam tiharo, Let hot sab kam,
Pralay yugantar aur janmantar, Kalantar tak naam.
Sur asuron ki rachna karti, Kahna Krishn kahna Ram,
Chumhi charan chatur chaturanan, Charu chakradhar shyaam.
Chandrachood chandranan chaakar, Shobha lakhhi lalam.
Devi Dev dayniya dasha me, Daya daya tab naam.
Trahi Trahi sharnagat watsal, Sharan rup taw dhaam
Shri hi shraddha shri aen, widdha klin kamla kam.
Kanti bhrantimayi kanti, Shantimayiwar de tu nishkam.
अन्नपूर्णा माता की आरती कैसे करें?
- अन्नपूर्णा माता की आरती ( Annapurna Aarti ) किसी भी दिन की जा सकती है.
- प्रातः काल और संध्या काल का समय माता अन्नपूर्णा की आरती के लिए उपयुक्त होता है.
- सर्वप्रथम स्नान आदि कर लें.
- फिर माता अन्नपूर्णा की आराधना और पूजन करें.
- पूजन के उपरान्त माता अन्नपूर्णा की मूर्ती या तस्वीर के पास खड़े होकर माता अन्नपूर्णा की आरती करें.
- माता अन्नपूर्णा की आरती करने के समय अपना ध्यान माता पर ही लगा के रखें.
- आरती के पश्चात माता अन्नपूर्णा से अपनी गलतियों की क्षमा मांगे.
- माता से दुःख और दरद्रिता दूर करने की प्रार्थना करें.
Benefits of Annapurna Aarti
अन्नपूर्णा माता की आरती से मनुष्य को माता अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति होती है. माता की कृपा से मनुष्य को कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.
जीवन में कभी भी दरिद्रता नहीं आती है.
माता की कृपा से जीवन में सुख और शान्ति आती है.
जीवन सुखमय बनता है.
जीवन से दुःख और दरिद्रता मिटती है.
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