काली चालीसा / Kali Chalisa के पाठ से मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं मैया काली पूरी करती हैं. माता काली को माँ दुर्गा का ही रूप माना जाता है. माता काली का अवतरण दुष्ट राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ है.
माता काली समस्त दुष्ट शक्तियों का संहार करती हैं. काली माता की कृपा जिस पर रहती है उसे कोई भी नकारात्मक शक्ति परेशान नहीं कर सकती है.
काली माता सदा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. उनकी कृपा से मनुष्य के समस्त भय का नाश होता है. जीवन में सफलता मिलती हैं.
मैया बहुत ही दयालु हैं. वे सदा अपने भक्तो पर अपनी कृपा बनाए रखतीं हैं. उनका रूप उग्र दीखता है पर मैया बहुत ही दयालु हैं.
Kali Chalisa
|| काली चालीसा ||
|| दोहा ||
जय काली जगदम्ब जय,
हरनि ओघ अघ पुंज |
वास करहु निज दास के,
निशदिन हृदय निकुंज ||
जयति कपाली कालिका,
कंकाली सुख दानि |
कृपा करहु वरदायिनी,
निज सेवक अनुमानि ||
|| चौपाई ||
जय जय जय काली कपाली |
जय कपालिनी, जयति कराली ||
शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा |
जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा ||
आर्या, हला, अम्बिका, माया |
कात्यायनी उमा जगजाया ||
गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी |
दाक्षाणायिनी शाम्भवी प्रचंडी ||
पार्वती मंगला भवानी |
विश्वकारिणी सती मृडानी ||
सर्वमंगला शैल नन्दिनी |
हेमवती तुम जगत वन्दिनी ||
ब्रह्मचारिणी कालरात्रि जय |
महारात्रि जय मोहरात्रि जय ||
तुम त्रिमूर्ति रोहिणी कालिका |
कूष्माण्डा कार्तिका चण्डिका ||
तारा भुवनेश्वरी अनन्या |
तुम्हीं छिन्नमस्ता शुचिधन्या ||
धूमावती षोडशी माता |
बगला मातंगी विख्याता ||
तुम भैरवी मातु तुम कमला |
रक्तदन्तिका कीरति अमला ||
शाकम्भरी कौशिकी भीमा |
महातमा अग जग की सीमा ||
चन्द्रघण्टिका तुम सावित्री |
ब्रह्मवादिनी मां गायत्री ||
रूद्राणी तुम कृष्ण पिंगला |
अग्निज्वाला तुम सर्वमंगला ||
मेघस्वना तपस्विनि योगिनी |
सहस्त्राक्षि तुम अगजग भोगिनी ||
जलोदरी सरस्वती डाकिनी |
त्रिदशेश्वरी अजेय लाकिनी ||
पुष्टि तुष्टि धृति स्मृति शिव दूती |
कामाक्षी लज्जा आहूती ||
महोदरी कामाक्षि हारिणी |
विनायकी श्रुति महा शाकिनी ||
अजा कर्ममोही ब्रह्माणी |
धात्री वाराही शर्वाणी ||
स्कन्द मातु तुम सिंह वाहिनी |
मातु सुभद्रा रहहु दाहिनी ||
नाम रूप गुण अमित तुम्हारे |
शेष शारदा बरणत हारे ||
तनु छवि श्यामवर्ण तव माता |
नाम कालिका जग विख्याता ||
अष्टादश तब भुजा मनोहर |
तिनमहं अस्त्र विराजत सुंदर ||
शंख चक्र अरू गदा सुहावन |
परिघ भुशण्डी घण्टा पावन ||
शूल बज्र धनुबाण उठाए |
निशिचर कुल सब मारि गिराए ||
शुंभ निशुंभ दैत्य संहारे |
रक्तबीज के प्राण निकारे ||
चौंसठ योगिनी नाचत संगा |
मद्यपान कीन्हैउ रण गंगा ||
कटि किंकिणी मधुर नूपुर धुनि |
दैत्यवंश कांपत जेहि सुनि-सुनि ||
कर खप्पर त्रिशूल भयकारी |
अहै सदा सन्तन सुखकारी ||
शव आरूढ़ नृत्य तुम साजा |
बजत मृदंग भेरी के बाजा ||
रक्त पान अरिदल को कीन्हा |
प्राण तजेउ जो तुम्हिं न चीन्हा ||
लपलपाति जिव्हा तव माता |
भक्तन सुख दुष्टन दु:ख दाता ||
लसत भाल सेंदुर को टीको |
बिखरे केश रूप अति नीको ||
मुंडमाल गल अतिशय सोहत |
भुजामल किंकण मनमोहन ||
प्रलय नृत्य तुम करहु भवानी |
जगदम्बा कहि वेद बखानी ||
तुम मशान वासिनी कराला |
भजत करत काटहु भवजाला ||
बावन शक्ति पीठ तव सुंदर |
जहां बिराजत विविध रूप धर ||
विन्धवासिनी कहूं बड़ाई |
कहं कालिका रूप सुहाई ||
शाकम्भरी बनी कहं ज्वाला |
महिषासुर मर्दिनी कराला ||
कामाख्या तव नाम मनोहर |
पुजवहिं मनोकामना द्रुततर ||
चंड मुंड वध छिन महं करेउ |
देवन के उर आनन्द भरेउ ||
सर्व व्यापिनी तुम मां तारा |
अरिदल दलन लेहु अवतारा ||
खलबल मचत सुनत हुंकारी |
अगजग व्यापक देह तुम्हारी ||
तुम विराट रूपा गुणखानी |
विश्व स्वरूपा तुम महारानी ||
उत्पत्ति स्थिति लय तुम्हरे कारण |
करहु दास के दोष निवारण ||
मां उर वास करहू तुम अंबा |
सदा दीन जन की अवलंबा ||
तुम्हारो ध्यान धरै जो कोई |
ता कहं भीति कतहुं नहिं होई ||
विश्वरूप तुम आदि भवानी |
महिमा वेद पुराण बखानी ||
अति अपार तव नाम प्रभावा |
जपत न रहन रंच दु:ख दावा ||
महाकालिका जय कल्याणी |
जयति सदा सेवक सुखदानी ||
तुम अनन्त औदार्य विभूषण |
कीजिए कृपा क्षमिये सब दूषण ||
दास जानि निज दया दिखावहु |
सुत अनुमानित सहित अपनावहु ||
जननी तुम सेवक प्रति पाली |
करहु कृपा सब विधि मां काली ||
पाठ करै चालीसा जोई |
तापर कृपा तुम्हारी होई ||
|| दोहा ||
जय तारा, जय दक्षिणा, कलावती सुखमूल |
शरणागत भक्त है, रहहु सदा अनुकूल ||
|| समाप्त ||
माता काली की स्तुति करें – Mata Kali ki Aarti | माता काली की आरती | Lyrics के साथ
Maa Kali Chalisa
~~ Doha ~~
Jay kali jagadamb jay,
Harani ogh agh punj.
Waas karahu nij daas ke,
Nishadin hriday nikunj..
Jayati kapali kalika,
Kankali sukh daani.
Kripa karahu varadaayinee,
Nij sevak anumaani..
~~ Chaupai ~~
Jay jay jay kali kapali .
Jay kapalini, jayati karali..
Shankar priya, aparna, amba .
Jay kapardinee, jay jagadamba..
Aarya, hala, ambika, maaya .
Kaatyaayanee uma jagajaaya..
Girija gauree durga chandee .
Dakshanayini shambhavi prachandi..
Parwati mangala bhawani .
Vishvakarini satee mridani..
Sarvamangala shail nandini .
Hemavati tum jagat vandini..
Brahmacharini kalaratri jay .
Maharatri jay moharatri jay..
Tum trimoorti rohini kalika .
Kooshmanda kartiki chandika..
Taara bhuvaneshwari ananya .
Tumheen chhinnamasta shuchidhanya..
Dhoomavati shodashi mata .
Bagala matangi vikhyaata..
Tum bhairavi matu tum kamala .
Raktadantika keerati amala..
Shakambhari kaushiki bhima .
Mahatama ag jag ki seema..
Chandraghantika tum sawitri .
Brahmawadini maa gayatri..
Rudrani tum krsihn pingala .
Agnijwaala tum sarwamangala..
Meghaswana tapaswini yogini .
Sahastrakshi tum agajag bhogini..
Jalodari saraswati dakini .
Tridasheshwari ajey lakini..
Pushti tushti dhrti smrti shiv duti.
Kamakshi lajja aahuti..
Mahodari kamakshi harini.
Vinayaki shruti maha shakini..
Aja karmamohi brahmani .
Dhatri warahi sharwani..
Skand matu tum singh wahini.
Matu subhadra rahahu dahini..
Naam roop gun amit tumhare.
Shesh sharada baranat hare..
Tanu chhavi shyamawarn tav mata.
Naam kalika jag vikhyata..
Ashtadash tab bhuja manohar.
Tinamahan astra wirajat sundar..
Shankh chakra aroo gada suhawan.
Parigh bhushandi ghanta pawan..
Shool bajra dhanubaan uthaye.
Nishichar kul sab maari giraye..
Shumbh nishumbh daitya sanhare .
Raktabeej ke praan nikare..
Chaunsath yogini nachat sanga .
Madyapaan keenhaiu ran ganga..
Kati kinkini madhur nupur dhuni.
Daityawansh kaampat jehi suni-suni..
Kar khappar trishool bhayakari .
Ahai sada santan sukhakari..
Shaw aaroodh nrity tum saaja .
Bajat mridang bheri ke baaja..
Rakt paan aridal ko keenha.
Praan tajeu jo tumhin na cheenha..
Lapalapati jivha tav mata .
Bhaktan sukh dushtan dukh daata..
Lasat bhaal sendur ko teeko .
Bikhare kesh roop ati neeko..
Mundamaal gal atishay sohat .
Bhujaamal kinkan manamohan..
Pralay nrity tum karahu bhawani.
Jagadamba kahi ved bakhani..
Tum mashaan wasini karala.
Bhajat karat kaatahu bhavajala..
Baawan shakti pith taw sundar .
Jahan birajat vividh roop dhar..
Vindhawasini kahun badayi .
Kahan kalika roop suhayi..
Shakambhari bani kahan jwala .
Mahishasur mardini karala..
Kamakhya taw nam manohar .
Pujawahin manokamana drutatar..
Chand mund wadh chhin maha kareu.
Devan ke ur aanand bhareu..
Sarv wyapini tum maa tara .
Aridal dalan lehu awatara..
Khalabal machat sunat hunkari .
Agajag wyapak deh tumhari..
Tum wirat rupa gunakhani .
Vishw swaroopa tum maharani..
Utpatti sthiti lay tumhare karan .
Karahu daas ke dosh nivaran ..
Maa ur waas karahu tum amba .
Sada deen jan ki awalamba..
Tumharo dhyan dharai jo koyi .
Ta kahan bhiti katahun nahin hoyi..
Vishwarup tum aadi bhavani .
Mahima ved puraan bakhani..
Ati apar taw nam prabhava .
Japat na rahan ranch dukh dawa..
Mahakalika jay kalyani.
Jayati sada sewak sukhadani..
Tum anant audary vibhooshan .
Kijiye kripa kshamiye sab dushan..
Daas jaani nij daya dikhavahu .
Sut anumaanit sahit apanawahu..
Janani tum sewak prati pali .
Karahu kripa sab vidhi maa kali..
Path karai chalisa joyi .
Tapar kripa tumhari hoyi..
~~ Doha ~~
Jay Tara, Jay Dakshina, Kalawati sukhmul .
Sharnagat bhakt hai, rahahu sada anukul ..
Shri Maha Kali Mata Chalisa End
Kali Gayatri Mantra – माँ काली गायत्री मंत्र
काली चालीसा का पाठ कैसे करें ?
- माता काली की चालीसा ( Maha Kali Mata Chalisa ) का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है.
- काली चालीसा का पाठ प्रातः काल या फिर संध्या काल में करना उत्तम होता है.
- मैया काली की चालीसा ( Shri Maa Kali Chalisa ) का पाठ काली जी की मूर्ती या फिर तस्वीर के सामने बैठकर करें.
- आप अगर काली मंदिर में जाकर काली चालीसा ( Shree Maha Kali Chalisa ) का पाठ करतें हैं तो यह अच्छा होता है.
- काली चालीसा के पाठ से पूर्व स्नान आदि करके खुद को स्वच्छ करलें.
- माता काली को अरहुल के फूल से पूजा करें.
- चालीसा के बाद मैया काली की आरती करें.
काली चालीसा पाठ से लाभ
- महा काली चालीसा( Maha Kali Chalisa ) के पाठ से मैया काली की कृपा प्राप्ति होती है.
- मैया काली की कृपा से समस्त दुष्ट नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
- काली माता अपने भक्त की दुष्ट शक्तियों से रक्षा करती हैं.
- जीवन में सफलता मिलती है.
- आत्म बिस्वास में बृद्धि होती है.
- धन सम्पति की प्राप्ति होती है.
- शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है.
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