Hanuman Chalisa | हनुमान चालीसा महावीर हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का सबसे बड़ा मन्त्र है.
हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ ( Hanuman Chalisa PDF ) डाउनलोड्स ( Download ) बटन अंत में दिया गया है. Hanuman Chalisa with Lyrics.
हनुमान चालीसा इस कलयुग में मानव के लिए सबसे बड़ा सहारा है. ऐसी मान्यता है की हनुमान जी अजर अमर हैं. वे अपने भक्तों की पुकार पर दौड़े चले आतें हैं. वे सदा अपने भक्तों की सभी संकटों से रक्षा करते हैं.
हनुमान जी के भक्तों के लिए हनुमान जयंती का विशेष महत्व होता है. हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की आराधना करना और हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ फलदायक होता है.
बजरंगबली के हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत श्रद्धा और हनुमान जी पर पूर्ण बिस्वास के साथ करें. हनुमान चालीसा अत्यंत सरल है. इसे आसानी से याद भी किया जा सकता है.
अगर हनुमान चालीसा याद नहीं हो तो आप हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa Lyrics को किसी किताब या pdf file से भी पढ़ सकतें हैं.
श्री हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ Hanuman Chalisa pdf डाउनलोड लिंक मैं निचे दे दूंगा आप वहाँ से उसे डाउनलोड कर सकतें हैं.
हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के समस्त प्रकार के भय का नाश हो जाता है. हनुमान चालीसा हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक सबसे सरल और सुगम माध्यम है.
हनुमान चालीसा पढने से हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्त की सभी संकटों और भय का निवारण कर देतें हैं.
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
|| हनुमान चालीसा ||
|| दोहा ||
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि |
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ||
|| चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥1॥
राम दूत अतुलित बलधामा,
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥
महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
विद्यावान गुणी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर॥7॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा,
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
भीम रूप धरि असुर संहारे,
रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥
लाय सजीवन लखन जियाये,
श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,
तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,
नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥
राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै,
महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै,
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥
सब पर राम तपस्वी राजा,
तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
और मनोरथ जो कोइ लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
साधु सन्त के तुम रखवारे,
असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता॥31॥
राम रसायन तुम्हरे पासा,
सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
तुम्हरे भजन राम को पावै,
जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई,
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥
और देवता चित न धरई,
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
जो सत बार पाठ कर कोई,
छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा,
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥
|| दोहा ||
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥
|| सिया वर राम चन्द्र की जय ||
|| पवनसुत हनुमान की जय ||
** जयहनुमान **
|| जय बजरंगबली ||
|| जय श्रीराम ||
** जय सीता राम **
Hanuman Chalisa Lyrics in English
|| Doha ||
Shri Guru Charan Saroj Raj,
Nij Man Mukuru Sudhari.
Barnau Raghuvar Bimal Jasu,
Jo Daayak Phal Chari.
Buddhi Hin Tanu Janike,
Sumire Pawan Kumar.
Bal Buddhi Widdhya Dehu Mohi,
Harahu Kalesh Wikar.
|| Chaupai ||
Jai Hanuman Gyan Gun Sagar,
Jai Kapis Tihun Lok Ujagar.
Ram Dut Atulit Baldhama,
Anjani Putra Pawan Sur Nama.
Mahawir Wikram Bajrangi,
Kumati Niwar Sumati Ke Sangi.
Kanchan Waran Biraj Subesa,
Kanan Kundal Kunchit Kesa.
Haath Bajra Aur Dhwaja Wiraje,
Kaandhe Munj Janeu Sajae.
Shankar Suwan Kesari Nandan,
Tej Pratap Maha Jag Wandan.
Widhawan Guni Ati Chatur,
Ram Kaj Karibe Ko Aatur.
Prabhu Charitra Sunibe Ko Rasiya,
Ram Lakhan Sita Man Basiya.
Sukshm Rup Dhari Siyahin Dikhawa,
Wikat Rup Dhari Lank Jarawa.
Bhim Rup Dhari Asur Sanhare,
Ramchandra Ke Kaaj Sanware.
Laay Sanjiwan Lakhan Jiyaye.
Shri Raghuvir Harashi Ur Laye.
Raghupati Kinhi Bahut Badai,
Tum Mam Priya Bharat Sam Bhai.
Sahas Badan Tumhro Jas Gaawe,
As Kahi Shri Pati Kanth Lagawe.
Sankadik Brhamadik Munisa,
Naarad, Saarad Sahit Ahisa.
Jam Kuber Digpal Jahan Te,
Kabi Kobid Kahi Sake Kahan Te.
Tum Upkar Sugrivahi Kinha,
Ram Milaay Rajpad Dinha.
Tumharo Mantra Wibhishan Mana,
Lankeswar Bhay Sab Jag Jana.
Jug Sahastra Jojan Par Bhanu,
Lilyo Taahi Madhur Phal Janu.
Prabhu Mudrika Meli Mukh Mahi,
Jaladhi Laanghi Gaye Achraj Nahi.
Durgam Kaj Jagat Ke Jete,
Sugam Anugrah Tumhare Tete.
Ram Duare Tum Rakhware,
Hot Na agyna Binu Paisare.
Sab Sukh Lahae Tumhari Sarna,
Tum Rakshak Kahu Ko Darna.
Aapan Tej Samharo Aapae,
Tino Lok Haank Te Kanpe.
Bhut Pishach Nikat Nahi Aawe,
Mahawir Jab Naam Sunaawe.
Naasae Rog Hare Sab Pira,
Japat Nirantar Hanumat Bira.
Sankat Te Hanuman Chhudawe,
Man Kram Wachan Dhyan Jo Lawe.
Sab Par Ram Tapaswi Raja,
Tinke Kaaj Sakal Tum saja.
Aur Manorath Jo Koi Lawe,
Soi Amit Jiwan Phal Pawe.
Charo Jug Pratap Tumhara,
Hai Parsiddh Jagat Ujiyara.
Sadhu Sant Ke Tum Rakhware,
Asur Nikandan Ram Dulare.
Asht Siddhi Nau Nidhi Ke Data,
As Bar Din Jaanki Mata.
Ram Rasayan Tumhare Pasa,
Sada Raho Raghupati Ke Dasa.
Tumhare Bhajan Ram Ko Pawe,
Janam Janam Ke Dukh Bisrawe.
Ant Kal Raghubar Pur Jai,
Jahan Janam Hari Bhakt Kahai.
Aur Devta Chit Na Dharai,
Hanumat Sei Sarv Sukh Karai.
Sankat Kate Mite sab Pira,
Jo Sumire Hanumat Bal Bira.
Jai Jai Jai Hanuman Gosai,
Kripa Karahu Guru Dev Ki Naai.
Jo Sat Bar Path Kar Koi,
Chutahi Bandi Maha Sukh Hoi.
Jo Yah Padhe Hanuman Chalisa,
Hoi Siddhi Sakhi Gaurisa.
Tulsidas Sada Hari Chera,
Kije Nath Hriday Maha Dera.
|| Doha ||
Pawan Tanay sankat Haran,
Mangal Murati Rup.
Ram Lakhan Sita Sahit,
Hriday Basahu Surbhup.
|| Siyavar Ram Chandr ki Jay ||
|| Pawanasut Hanuman ki Jay ||
Hanuman Chalisa Hindi Meaning
हनुमान चालीसा का हिंदी अर्थ
श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हो।
हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।
श्री हनुमान जी!आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।
हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।
हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।
आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।
आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।
हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।
आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।
आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है।श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।
आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।
आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।
आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।
श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।
श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।
श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।
यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।
आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया , जिसके कारण वे राजा बने।
आपके उपदेश का विभीषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।
जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे।दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।
आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।
संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है.
श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।
जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।
आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।
जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।
वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है, और सब पीड़ा मिट जाती है।
हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।
तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।
जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।
चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।
हे श्री राम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।
आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।
आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।
आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।
अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे |
हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।
हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।
हे स्वामी हनुमान जी!आपकी जय हो, जय हो, जय हो!आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।
जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।
भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।
हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।
हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरूप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।
हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?
- हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa Path) का पाठ आप किसी भी दिन कर सकतें हैं.
- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है.
- हनुमान जयंती, राम नवमी आदि दिनों में हनुमान चालीसा का पाठ अवस्य करें.
- नवरात्री में भी हनुमान चालीसा का पाठ बहुत ही शुभ होता है.
- प्रातः काल में स्नान आदि करके खुद को स्वच्छ और पवित्र कर लें.
- खुद पर गंगा जल छिडके.
- उसके बाद किसी स्वच्छ आसन पर बैठें.
- हनुमान जी की प्रतिमा को अपने पास किसी लाल आसन पर स्थापित करें.
- हनुमान जी की मूर्ती नहीं हो तो आप हनुमान जी की तस्वीर को अपने सम्मुख लाल आसन पर स्थापित करें.
- श्री हनुमान जी की पुरे भक्ति से पूजन करें.
- उसके पश्चात हनुमान जी को पुष्प चढ़ाएं.
- पुष्प माला चढ़ाएं.
- हनुमान जी को सिंदूर बहुत ही प्रिय है. इसलिए हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
- नैवेद्द चढ़ाएं.
- धुप दीप दिखाएँ.
- उसके पश्चात पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें.
- आप 1,5,7,9 या फिर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
- हनुमान चालीसा के पाठ करते समय मन में सिर्फ हनुमान जी पर पूर्ण बिस्वास और श्रद्धा रखें.
- हनुमान चालीसा के पाठ के पश्चात हनुमान जी की आरती करें.
Benefits Of Hanuman Chalisa
हनुमान चालीसा का पाठ ( Hanuman Chalisa Path )सदा ही शुभ फल दायक होता है. इसका पाठ अगर सम्पूर्ण श्रद्धा और हनुमान जी की भक्ति के साथ किया जाये. तो यह कभी भी निष्फल नहीं होता है.
हनुमान चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. इसे तो वही अनुभव कर सकता है. जिस पर हनुमान जी की असीम कृपा रहती है. फिर भी कुछ हनुमान चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ ( Benefits of Hanuman Chalisa Path ) निचे दिए जा रहे हैं.
- हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa ) हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक सरल और अत्यंत सफल माध्यम है. हनुमान चालीसा के पाठ से मनुष्य केसमस्त भय का नाश होता है. हनुमान चालीसा के पाठ से अकारण होने वाले भय का नाश होता है.
- हनुमान चालीसा के पाठ से मनुष्य के आत्मबिस्वास में बृद्धि होती है.हनुमान भक्त को हनुमान जी सभी संकटों से मुकाबला करने का आत्मबिस्वास प्रदान करतें हैं.
- हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मनुष्य के समस्त रोगों का नाश होकर शरीर बलिष्ठ और निरोगी होता है.
- हनुमान चालीसा के पाठ से समस्त नकारात्मक और बूरी शक्तियों कानाश होता है. हनुमान जी अपने भक्त का समस्त नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करतें हैं.
- हनुमान चालीसा के पाठ से चारों ओरपॉजिटिवएनर्जी का संचार होता है.
- हनुमान चालीसा के पाठ से जीवन मेंखुशियाँ आती है.
Hanuman Chalisa Pdf Download
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हनुमान चालीसा से जुड़ी कुछ बातें
हनुमान चालीसा एक सिद्ध महा मन्त्र है. इसका प्रभाव बहुत ही व्यापक होता है. किसी भी प्रकार के भय के नाश में यह बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है.
जो भी व्यक्ति सच्चे ह्रदय से और हनुमान जी पर सम्पूर्ण श्रद्धा रखते हुए इसका पाठ ( Hanuman Chalisa Path ) करता है. उसके चारों ओर एक सकारात्मक उर्जा का चक्र बन जाता है. जिसका बहुत ही शुभ प्रभाव उस व्यक्ति पर पड़ता है.
हनुमान चालीसा के प्रकाशन में सम्पूर्ण रूप से सावधानी बरती गयी है. फिर भी अगर कही कोई चुक हो गयी हो. या फिर आप कोई सुझाव या सलाह देना चाहते हैं. तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में लिखें. आपके द्वारा दिए गए कमेंट से हमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है.
हनुमान जी सदा आप सबकी समस्त संकटों से रक्षा करें.
जय हनुमान जय श्री राम
एक विनती
हनुमान जी से जुड़े हमारे अन्य प्रकाशनों को भी अवस्य देखें और लाभान्वित होयें.
धन्यवाद.
हनुमान चालीसा में 40 चौपाई है?
श्री हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी.
सभी तरह के रोगों से मुक्ति देने वाला हनुमान मन्त्र
हमेशा संकटों से बचानेवाला सिद्ध हनुमान मन्त्र
हनुमान जी को बुलाने वाला सिद्ध हनुमान मन्त्र
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