Chintpurni Aarti माता चिंतपूर्णी की आरती

Chintpurni Aarti | माता चिंतपूर्णी की आरती करने वाला माता चिंतपूर्णी का कृपा प्राप्त बन जाता है. माता सदा अपने बच्चों का कल्याण करती हैं. मैया चिंतपूर्णी की ममता सदा अपने भक्त के साथ रहती है.

चिंतपूर्णी माता का मंदिर देश के 51 शक्तिपीठ में से एक है. यह माता का शक्तिपीठ मंदिर है. यहाँ माता के चरण गिरे थे. माता चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित है.

Chintpurni Aarti

|| चिंतपूर्णी माता की आरती ||

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा
भोली माँ ……

सिन्ह पर भई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर
भोली माँ………

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो,
भोली माँ……

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला,
भोली माँ ………..

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो,
भोली माँ……….

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये,
भोली माँ ……..

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान,
भोली माँ……….

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया,
भोली माँ……..

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ
भोली माँ ………..

जै चिन्त्पुर्णी माता, चिन्ता हरो माता |
जीवन मेँ सुख दे दो, कश्ट हरो माता ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

1. Chintpurni Mata Aarti

Chintapurni Chinta Dur Karni,
Jag Ko Taaro Bholi Maa.

Jan Ko Taaro Bholi Maa,
Kaali Da Putra Pavan Da Ghoda
Bholi Maa …….

Sinha Par Bhai Asawaar,
Bholi Maa Chintapurni Chinta Dur
Bholi Maa……….

Ek Haath Khadag Duje Me Khanda,
Tije Trishul Sambhaalo,
Bholi Maa……….

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Chauthe Haath Chakkar Gadaa,
Paanchve Chaithe Mundo Ki Maalaa,
Bholi Maa…………..

Saatve Se Rund Mund Bidaare,
Aadye Se Asur Sanhaaro,
Bholi Maa………..

Champe Ka Baag Laga Ati Sundar,
Baithi Deevaan Lagaye,
Bholi Maa ……….

Hari Bramha Tere Bhavan Viraaje,
Laal Chandoya Baithi Taan,
Bholi Maa……….

Aukhi Ghaati Vikata Paindaa,
Tale Bahe Daariya,
Bholi Maa………..

Suman Charan Dhyaanu Jas Gaave,
Bhakta Di Paj Nibhao
Bholi Maa……….

2. Maa Chintpurni ki Aarti

|| माँ चिंतपूर्णी की आरती ||

जय चिन्त्पुर्णी माता, चिन्ता हरो माता |
जीवन मेँ सुख दे दो, कश्ट हरो माता ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

ऊन्चा पर्वत तेरा, झ्न्डे झूल रहे |
करेँ आरती सारे, मन मेँ फूल रहे ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

सती के शुभ चरणोँ पर, मन्दिर है भारी |
छिन्न मस्तिका कह्ते, सारे सन्सारी ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

माईदास एक ब्राह्मण, स्वपन मेँ दरस दिये |
पूजा पिन्डी ध्यान कर, आनन्द भाव किये ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

बरगद पेड है दर पर, सुख भंडार भरे |
घन्टे घन घन बाजे, जय जय कार करेँ ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

कन्या गाती दर पे, मधुर स्वरोँ मेँ जब |
जिन्को सुन के, चिन्ता, मन की हटे माँ सब ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

पान सुपारी ध्वजा नारियल, छ्त्र चुन्नी संग मेँ |
चन्दन इत्र गुलाब जल, भेंट चढे अंग में ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

चिन्तित जीवन की माँ, तुम हो रख वाली |
सेवक आरती करता, कर मेँ लिये थाली ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

3. Chintpurni Mata ki Aarti in English

Jai Chintpurni Mata, Chinta Haro Mata |
Jeevan mein sukh de do, Kasht haro Mata ||
Om Jai Chintpurni Mata… …

Uuncha parvat tera, Jhande jhool rahe |
Karein aarti saare, mann mein phool rahe ||
Om Jai Chintpurni Mata…

Sati ke shubh charnon par, mandir hai bhaari |
Chhinnmastika kehte, saare sansaari ||
Om Jai Chintpurni Mata…….

MaaiDaas ek brahman, swapan mein daras diye |
Pooja pindi dhyaan kar, aanand bhaav kiye ||
Om Jai Chintpurni Mata…

Bargad ped hai dar par, shukh bhandaar bhare |
Ghante ghan ghan baaje, jai jai kaar karein ||
Om Jai Chintpurni Mata…

Kanya gaati dar pe, madhur swaron mein jab |
Jinko sun ke, chinta, mann ki hate Maa sab ||
Om Jai Chintpurni Mata…

Paan supari dhwaja nariyal, chattr chunni sang mein |
Chandan ittr gulaab jal, bheint chadhe ang mein ||
Om Jai Chintpurni Mata…

Chintit jiwan ki maa, Tum ho rakh waali
Sewak aarti karta, Kar me liye Thali
Om Jai Chintpurni mata……..

4. चिंतपूर्णी माता की आरती कैसे करें?

Chintpurni Aarti | माता चिंतपूर्णी की आरती आप माता चिंतपूर्णी के मंदिर में जाकर करतें हैं तो यह बहुत ही शुभ होता है.

आप अपने घर में भी माता चिंतपूर्णी की आरती कर सकतें हैं.

प्रातः काल और संध्या काल का समय माता चिंतपूर्णी की आरती के लिए बहुत ही शुभ होता है.

सबसे पहले स्नान आदि कर लें.

फिर स्वच्छ कपड़े पहन लें.

फिर माता चिंतपूर्णी के तस्वीर के सामने खड़े होकर माता की आरती करें.

आरती करते समय माता चिंतपूर्णी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें.

आरती करने के पश्चात पूर्ण श्रद्धा से माँ से अपने लिए कृपा प्रदान करने का आग्रह करें.

5. चिंतपूर्णी माता की आरती से लाभ

Chintpurni Aarti | माता चिंतपूर्णी की आरती से मनुष्य को माता चिंतपूर्णी की कृपा प्राप्ति होती है.

माता की कृपा से मनुष्य को समस्त दुखों और तकलीफों से मुक्ति मिलती है.

जीवन में सुख और शान्ति माता चिंतपूर्णी की कृपा से आती है.

धन सम्पति में बृद्धि होती है.

माता के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ मांगता है. माता उसे जरुर पूरा करती है.

रोगों से मुक्ति माता चिंतपूर्णी की कृपा से मिलती है.

माता अपने भक्त को उसके जीवन की समस्त चिंताओं से मुक्ति प्रदान करती है.

Chintpurni Aarti download

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माता चिंतपूर्णी आप सभी की मनोकानाएं पूर्ण करें.

जय माँ चिंतपूर्णी. जय माता दी.

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