Shani Mantra श्री शनि मन्त्र | शनि देव की आराधना का सम्पूर्ण मन्त्र

इस पोस्ट में आज मैं आप लोगों को कुछ Shani Mantra | शनि देव मन्त्र के बारे में बताने जा रहा हूँ. यह मन्त्र बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र है. इस मन्त्रों को आप अपने सुविधानुसार जाप कर सकते हैं.

आपको जिस मन्त्र की आवश्यकता महसूस हो आप उस मन्त्र का जाप कर सकतें हैं.

आप इन मन्त्रों को डाउनलोड भी कर सकतें हैं.

शनि देव महाराज को इस श्रृष्टि का लोकपाल या फिर यूँ कहें की जज बनाया गया है. शनि देव महाराज हमारे कर्मों का लेखा जोखा रखतें हैं. वे हमारे बुडे और अच्छे कर्मों का हिसाब रखतें हैं.

अगर हमारे कर्म ख़राब हुए तो शनि देव जी हमें दण्ड देतें हैं. और अगर हमारे कर्म अच्छे हुए तो वे हमें अपने कृपा प्रदान करतें हैं. उनकी कृपा से मनुष्य को जीवन में समस्त प्रकार की खुशियाँ मिलती है.

इस पोस्ट Shani Mantra | शनि देव मन्त्र में मैं आप लोगों को शनि देव से अपने कर्मो की क्षमा याचना करने का भी मन्त्र बताने जा रहा हूँ. साथ ही शनि देव के कोप से बचने का भी मन्त्र बताने जा रहा हूँ. आप इन मन्त्रों का सच्चे ह्रदय से जाप करेंगे तो शनि देव की कृपा अवस्य आप पर रहेगी. और आपको जीवन की समस्त खुशियाँ मिलेगी.

शनि देव के प्रकोप से बचने और उनकी कृपा पाने का उपाय है की हम हमेशा अच्छे कर्म करें. पुण्य फल वाले कर्म करें. बुरे कर्मों से दूर रहें. जीवन में अच्छा इंसान बने. तो हमें शनि देव की कृपा अवस्य प्राप्त होगी.

Shani Mantra

श्री शनि देव जी के मन्त्र

शनि देव की आराधना का सबसे सुगम और प्रभावकारी मन्त्र है.

ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

यह शनि मन्त्र ( Shani Mantra ) बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र है. अगर आप कोई और शनि मन्त्र का जाप नहीं कर सकतें हैं. तो यह एक शनि मंत्र ही काफी है. इस एक शनि मन्त्र का नियमित रूप से जाप करें.

ऊँ नमो भगवते शनिश्चराय सूर्य पुत्राय नम:

Shani Mantra

ऊँ नमो भगवते शनिश्चराय सूर्य पुत्राय नम:

आप इस शनि मन्त्र का भी जाप कर सकतें हैं. शनि देव के सारे मन्त्र ही बहुत ही प्रभावशाली हैं. आप कोई सा भी शनि मन्त्र का जाप कर सकतें हैं.

Shani Gayatri Mantra

शनि गायत्री मन्त्र

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।

शनि गायत्री मन्त्र

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात् ||

शनि गायत्री मन्त्र का जाप भी काफी शुभ फलदायक सिद्ध होता है. शनि गायत्री मन्त्र का भी आप नियमित रूप से जाप कर सकतें हैं.

शनि देव के वैदिक मन्त्र

ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

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आप शनि वैदिक मन्त्र का भी जाप कर सकतें हैं. यह मन्त्र भी काफी प्रभावशाली है.

शनि तांत्रिक मन्त्र

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

शनि तांत्रिक मन्त्र काफी शक्तिशाली शनि मन्त्र ( Shani Mantra ) है.

Shani Mantra to get rid from Sadhe sati

शनि साढ़े साती से बचने का शनि मन्त्र

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।।

शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए. और शनि साढ़े साती से बचने के लिए सबसे पहले आपको शनि देव से अपने ख़राब कर्मो के लिए क्षमा याचना करें.

क्षमा याचना का शनि मन्त्र निम्न है.

शनि क्षमा याचना मन्त्र

सबसे पहले आप शनि देव से अपने बुडे कर्मो की क्षमा याचना करें. इस मन्त्र का जाप करें. और सच्चे ह्रदय से शनि देव से क्षमा याचना करें.

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया |
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर ||

गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च |
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात् ||

इस शनि क्षमा याचना मन्त्र के जाप करते समय मन में किसी भी प्रकार का क्षल ना रखें. मन को सुद्ध रखें.

उसके पश्चात निम्न लिखित मन्त्र का जाप करें.

सबसे पहले शिव जी की आराधना करें. पहले यह मन्त्र पढ़ें और शिव जी की आराधना करें.

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम |
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ||

उसके पश्चात निम्नलिखित शनि मन्त्र का जाप करें.

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये |शंयोरभिश्रवन्तु नः | ऊँ शं शनैश्चराय नमः ||

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌ |छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌ ||

उपरोक्त दोनों मन्त्र शनि की साढ़े साती से बचाने वाला मंत्र है. इन मन्त्रों का पुरे श्रद्धा और भक्ति के साथ जाप करें.

Shani Mantra jaap

अच्छे स्वास्थ्य के लिए शनि मन्त्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

शनि देव की कृपा पाने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप निम्न शनि मन्त्र का जाप ( Shani Mantra Jaap ) कर सकतें हैं.

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा |
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा ||
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान् |
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं ||

यह शनि मन्त्र भी काफी शक्तिशाली मन्त्र है. इस मन्त्र के जाप से आपको स्वास्थ्य सम्बंधित सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जायेगी. अगर आपको शनि देव के प्रकोप के कारण रोगों से परेशान हैं. तो शनि देव से क्षमा याचना करें. शनि क्षमा याचना मन्त्र उपर दिया गया है.

उसके बाद शनि देव से सच्चे ह्रदय से क्षमा मांगे. फिर आप उपरोक्त मन्त्र का नियमित जाप करें.

शनि देव की कृपा से आपकी सभी शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिल जायेगी.

Shani Puja Mantra

शनि देव पूजा मन्त्र

भगवान शनि देव के पूजा के समय आप इन मंत्रो का जाप कर सकतें हैं.

शनि देव के आवाहन के लिए आप निम्न शनि मन्त्र का जाप ( Shani Puja Mantra Jaap ) करें.

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

शनि देव को आसन समर्पित करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करें.

ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||

ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||

शनि देव पर चन्दन का लेप लगाने के समय इस शनि मन्त्र का जाप करना चाहिए.

भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||

भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||

शनि देव को अर्घ्य देने के समय इस मन्त्र का जाप करना चाहिये.

ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||

ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||

शनि दीप मन्त्र

शनि देव को दीप दिखाने के समय इस मन्त्र का जाप करें.

साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्.
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||

साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्.
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||

शनि देव को पहले यज्ञोपवीत जनेऊ अर्पित करें फिर काजल या फिर यज्ञ भष्म लगाने के समय इस मन्त्र का जाप करें.

परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||

परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||

शनि देव को पुष्पमाला अर्पित करते समय इस मन्त्र का जाप करें.

नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||

नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||

शनि देव को वस्त्र समर्पित करते समय इस मन्त्र का जाप करें.

शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||

शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||

शनि देव को सरसों तेल अर्पित करते समय इस मन्त्र Shani Puja Mantra ) का जाप करें.

भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||

भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||

शनि देव को इस मन्त्र का जाप करते हुए पाद्द जल अर्पण करना चाहिए.

ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |
अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः ||

ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |
अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः ||

Shani Mantra in Hindi

शनि देव के अन्य मन्त्र

निचे शनि देव के अन्य मन्त्र दिए जा रहें हैं. आप इन शनि मन्त्रों का भी जाप कर सकते है.

ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

ॐ सूर्य पुत्राय नमः

ॐ मन्दाय नमः

Benefits of Shani Puja Mantra

  • शनि मन्त्र के जाप से मनुष्य को शनि देव की कृपा प्राप्ति होती है.
  • श्री शनि देव की कृपा से मनुष्य को समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है.
  • शनि मन्त्र के सच्चे ह्रदय से जाप से शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलती है.
  • जीवन में सफलता शनि देव की कृपा से मिलती है.
  • रोगों से मुक्ति शनि देव की कृपा से मिलती है.
  • निर्धनता से मुक्ति शनि देव की कृपा से मिलती है.
  • जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति शनि देव की कृपा से होती है.

अंत में मैं आप लोगों से एक बात कहना चाहता हूँ. की जीवन में हमेशा शुभ कर्म करें. किसी भी प्राणी को तकलीफ नहीं दें. बुरे और खराब कर्मो से दूर रहें. पाप कर्मो से दूर रहें.

हमेशा पुण्य कर्म करें. दुसरों की सहायता करें.

अगर आप ये सब करते हैं. तो शनि देव जरुर आपसे प्रसन्न होंगे. और आप पर अपने कृपा दृष्टि रखेंगे. अगर आप शुभ कर्म कर्नेगे तो शनि का प्रकोप कभी भी आप पर नहीं होगा.

आप हमेशा शनि देव के कृपा प्राप्त रहेंगे. जीवन में आपको हमेशा सफलता मिलेगी.

ॐ || जय श्री शनि देव || ॐ

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