Chandraprabhu Chalisa श्री चंद्रप्रभु चालीसा

Chandraprabhu Chalisa श्री चंद्रप्रभु चालीसा – श्री चंद्रप्रभु जी की चालीसा विडियो के साथ निचे दिया गया है.

Chandraprabhu Chalisa श्री चंद्रप्रभु चालीसा

Chandraprabhu Chalisa श्री चंद्रप्रभु चालीसा

वीतराग सर्वज्ञ जिन, जिन वाणी को ध्याय ।

पढने का साहस करूं, चालीसा सिर नाय ।

देहरे के श्री चन्द को, पूजों मन वच काय ।

ऋद्धि सिद्धि मंगल करे, विघन दूर हो जाय ।

जय श्री चंद्र दया के सागर, देहरे वाले ज्ञान उजागर ।

नासा पर है द्रष्टि तुम्हारी, मोहनी मूरति कितनी प्यारी ।

देवो के तुम देव कहावो, कष्ट भक्त के दूर हटावो ।

समन्तभद्र मुनिवर ने धयाया, पिंडी फटी दर्श तुम पाया ।

तुम जग के सर्वज्ञ कहावो, अष्टम तीर्थंकर कहलावो ।

महासेन के राजदुलारे, मात सुलक्षना के हो प्यारे ।

चन्द्रपुरी नगरी अति नामी, जन्म लिया चन्द्र प्रभु स्वामी ।

पौष वदी ग्यारस को जन्मे, नर नारी हर्षे तन मन में ।

काम क्रोध तृष्णा दुखकारी, त्याग सुखद मुनि दीक्षा धारी ।

फाल्गुन वदी सप्तमी भाई, केवल ज्ञान हुआ सुखदाई ।

फिर सम्मेद शिखर पर जाके, मोक्ष गये प्रभु आप वहाँ से ।

लोभ मोह और छोडी माया, तुमने मान कषाय नसाया ।

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रागी नही , नही तू द्वेषी, वीतराग तू हित उपदेशी ।

पंचम काल महा दुखदाई, धर्म कर्म भूले सब भाई ।

अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, होय जहां पर दर्शन प्यारा ।

उत्तर दिशा में देहरा माहीं, वहा आकर प्रभुता प्रगटाई ।

सावन सुदि दशमी शुभ नामी, आन पधारे त्रिभुवन स्वामी ।

चिन्ह चन्द्र का लख नारी, चन्द्रप्रभु की मूरत मानी ।

मूर्ति आपकी अति उजियाली, लगता हीरा भी है जाली ।

अतिशय चन्द्र प्रबु का भारी, सुन कर आते यात्री भारी ।

फाल्गुन सुदी सप्तमी प्यारी, जुड़ता है मेला यहां भारी ।

कहलाने को तो शशि धर हो, तेज पुंज रवि से बढ़कर हो ।

नाम तुम्हारा जग में सांचा, ध्यावत भागत भूत पिशाचा ।

राक्षस भूत प्रेत सब भागें, तुम सुमरत भय कभी न लागे ।

कीर्ती तुम्हारी है अति भारी, गुण गाते नित नर और नारी ।

जिस पर होती कृपा तुम्हारी, संकट झट कटता है भारी ।

जो भी जैसी आश लगाता, पूरी उसे तुरन्त कर पाता ।

दुखिया दर पर जो आते है, संकट सब खो कर जाते है ।

खुला सभी को प्रभु द्वार है, चमत्कार को नमस्कार है ।

अन्धा भी यदि ध्यान लगावे, उसके नेत्र शीघ्र खुल जावे ।

बहरा भी सुनने लग जावे, पगले का पागलपन जावे ।

अखंड ज्योति का घृत जो लगावे,संकट उसका सब कट जावे ।

चरणों की रज अति सुखकारी, दुख दरिद्र सब नाशनहारी ।

चालीसा जो मन से धयावे, पुत्र पौत्र सब सम्पति पावे ।

पार करो दुखियो की नैया, स्वामी तुम बिन नही खिवैया ।

प्रभु मैं तुम से कुछ नही चाहूँ, दर्श तिहारा निश दिन पाऊँ ।

करूँ वंदना आपकी, श्री चन्द्र प्रभु जिनराज ।

जंगल में मंगल कियो, रखो हम सबकी लाज ।

श्री चंद्रप्रभु जी की आरती को भी अवस्य देखें.

श्री चंद्रप्रभु चालीसा विडियो

श्री चंद्रप्रभु चालीसा विडियो निचे दिया हुआ है आप इसे अवस्य देखें.

Shri Chandraprabhu Chalisa

Source : YouTube Video

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