Rahu Gayatri Mantra – राहू गायत्री मंत्र – राहू गायत्री मंत्र एक सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है. इस मंत्र का प्रभाव बहुत ही व्यापक है.
राहू ग्रह के स्थान के अनुसार हमें अच्छे और बुरे परिणाम मिलते हैं. अगर राहू ग्रह हमारे अन्य ग्रहों के अनुसार सही स्थान पर है तो हमें इसका फायदा मिलता है. परन्तु अगर राहू हमारे अन्य ग्रहों के अनुसार गलत स्थान पर है तो हमें इसके दुष्प्रभाव मिल सकतें हैं.
राहू गायत्री मंत्र के पाठ से हम इस ग्रह के दुष्परिणाम से बच सकतें हैं और अगर सही तरह से किसी ज्ञानी के कहे अनुसार राहू गायत्री मंत्र का पाठ किया जाए तो इसके अच्छे परिणाम हमें मिलतें हैं.
Rahu Gayatri Mantra – राहू गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरुपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहू: प्रचोदयात् ।।
अन्य राहू गायत्री मंत्र है –
ॐ नाकाध्वजाय विद्महे पद्माहस्ताय धीमहि तन्नो राहू: प्रचोदयात ||
ॐ नीलवर्णाय विद्महे सैंहिकेयाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ||
Rahu Gayatri Mantra Lyrics
Om ShiroRupaay Vidmahe Amriteshaay Dheemahi Tanno Rahu Prachodayat.
Other Rahu Gayatri Mantra are –
Om Nakadhwajaay Vidmahe Padmahastaay Dheemahi Tanno Rahu Prachodayat.
Om Nilwarnaay Vidmahe Sainhikeyay Dheemahi Tanno Rahu Prachodayat.
How to Chant?
राहू गायत्री मंत्र का पाठ आप अगर किसी विशेसज्ञ से जानकारी लेकर करें तो यह सबसे उत्तम होता है.
आप 108 बार राहू गायत्री मंत्र का पाठ कर सकतें हैं.
इस मंत्र को आप शनिवार से आरम्भ करें.
अगर आप लगातार 40 दिनों में इस मंत्र का 18000 बार पाठ करतें हैं तो यह सर्वोत्तम होता है.
सम्पूर्ण रूप से पवित्र और स्वच्छ होकर ही राहू गायत्री मंत्र का पाठ करें.
Benefits
राहू गायत्री मंत्र के पाठ से राहू की गलत दशा के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है.
जीवन में आने वाले दुःख और पीड़ा से बचा जा सकता है.
शारीरिक कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है.
Download
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