Ketu Gayatri Mantra – केतु गायत्री मंत्र – केतु गायत्री मंत्र एक सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है. इस मंत्र के जाप से आपको बहुत ही फायदा पहुंचेगा.
केतु ग्रह को छाया गृह माना जाता है. अगर केतु ग्रह की दशा आप पर अच्छी नहीं बन रही है तो इसके कारण आपको बहुत सारी तकलीफें और कष्टों का सामना करना पर सकता है.
अगर आप केतु गायत्री मंत्र का नियम अनुसार पाठ करते हैं तो इससे आपको आपकी तकलीफों और कष्टों से मुक्ति मिल सकती है.
Ketu Gayatri Mantra – केतु गायत्री मंत्र
ॐ पद्मपुत्राय् विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात् ||
इसके अलावा अन्य केतु गायत्री मंत्र निचे दिए जा रहें हैं आप इन मंत्रो का भी पाठ कर सकतें हैं.
ॐ अश्वाध्वजाय विद्महे शूलाहस्ताय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात ||
ॐ गद्दाह्स्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्न: केतु: प्रचोदयात ||
Ketu Gayatri Mantra Lyrics
Om PadamPutraay Vidmahe Amriteshaay Dheemahi Tanno Ketu Prachodayat.
Other Ketu Gayatri Mantra are –
Om Ashwadhwajaay Vidmahe Shulahastaay Dheemahi Tanno Ketu Prachodayat.
Om Gadahastaay Vidmahe Amriteshaay Dheemahi Tannah Ketu Prachodayat.
How to Chant?
केतु गायत्री मंत्र का पाठ आप किसी जानकार ज्योतिष से सलाह लेकर ही करें. इससे आपको अवस्य लाभ प्राप्त होगा.
सम्पूर्ण रूप से पवित्र और स्वच्छ होकर ही केतु गायत्री मंत्र का पाठ करें.
आप 108 बार श्री केतु गायत्री मंत्र का पाठ करें.
केतु गायत्री मंत्र के पाठ के लिए बुधवार का दिन उत्तम होता है.
Benefits
केतु गायत्री मंत्र के पाठ से अगर केतु की ख़राब दशा चल रही हो तो उसके कारण होने वाली तकलीफों से मुक्ति मिलती है.
स्वास्थ्य संबंधीत परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
व्यापार आदि में हो रहे नुक्सान और परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
Download
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